👉नागार्जुन की प्रसिद्ध कविताएं :-
बादल को घिरते देखा है,
पाषाणी,
चन्दना,
रविन्द्र के प्रति,
सिंदूर तिलकित भाल,
तुम्हारी तंदुरित मुस्कान,
ओ जन मन के सजग चितेरे,
गुलाबी चूड़ियां,
तन गयी रीढ़,
यह तुम थी,
जौत की फाँक,
भादों की तलैया,
प्रेत का ब्यान,
राम के प्रति,
कालिदास के प्रति,
मास्टर ,
काली माई ,
शासन की बन्दूक,
अकाल और उसके बाद,
वे और तुम।
👉काव्य संकलन:-
युगधारा-1952
सतरंगे पंखो वाली-1959
प्यारी पथराई आंखे-1962
तालाब की मछलियां-1957
खिचड़ी विप्लव देखा हमने-1980
तुमने कहा था -1980
हजार हजार बाहों वाली-1981
पुरानी जूतियों का कोरस-1983
रत्न गर्भ-1984
ऐसे हम भी क्या ऐसे तुम भी क्या-1985
आखिर ऐसा क्या कह दिया मैने -1986
इस गुब्बारे की छाया में-1990
भूल जाओ पूराने सपने-1994
अपने खेत में-1997
नोट :-
👉नागार्जुन की पहली कविता राम के प्रति -1933
यह विश्वबन्धु में प्रकाशित हुई थी।
👉व्यंग्य के कारण इन्हे आधुनिक युग का कबीर कहा जाता है।
👉नागार्जुन जनपक्षधरता के कवि कहे जाते हैं।
👉अंधविश्वास के कारण लोग इन्हें ढक्कन कहते है।
👉इन्हें मजदूरों का हिमायती भी कहा जाता है।
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