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कामायनी के विषय में महत्वपूर्ण कथन

👉कामायनी महाकाव्य -जय शंकर प्रसाद
👉सर्ग - 15
👉मुख्य छंद - तोटक
👉कामायनी पर प्रसाद को मंगलाप्रसाद पारितोषिक पुरस्कार मिला है
👉काम गोत्र में जन्म लेने के कारण श्रद्धा को कामायनी कहा गया है।
👉कामायनी के पांडूलिपी संस्करण का प्रकाशन 1971 में हुआ।
👉प्रसाद ने कामायनी में आदिमानव मुन की कथा के साथ साथ युगीन समस्याओं पर प्रकाश डाला है।
👉कामायनी का अंगीरस शांत रस है।
👉कामायनी दर्शन समरसता - आनन्दवाद है।
👉कामायनी की कथा का आधार ऋग्वेद,छांदोग्य उपनिषद् ,शतपथ ब्राहमण तथा श्री मद्भागवत हैं।
👉घटनाओं  का चयन शतपथ ब्राह्मण से किया गया है।
👉कामायनी की पूर्व पीठिका प्रेमपथिक
है।
👉कामायनी की श्रद्धा का पूर्व संस्करण उर्वशी है।
👉कामायनी का हृदय लज्जा सर्ग है।
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कामायनी के विषय में कथन:-

1. कामायनी मानव चेतना का महाकाव्य है।यह आर्ष ग्रन्थ है।--नगेन्द्र
2. कामायनी फैंटेसी है।-   मुक्तिबोध

3.कामायनी एक असफल कृति है।- इन्द्रनाथ मदान

4. कामायनी नये युग का प्रतिनिधि काव्य है।- नन्द दुलारे वाजपेयी

5.कामायनी ताजमहल के समान है- सुमित्रानन्दन पंत
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6.कामायनी एक रूपक है- नगेन्द्र

7.कामायनी विश्व साहित्य का आठवाँ महाकाव्य है- श्यामनारायण

8. कामायनी दोष रहित दोषण सहित रचना रामधारी सिंह दिनकर

9. कामायनी समग्रतः में समासोक्ति का विधान लक्षित करती है- डॉ नगेन्द्र

10. कामायनी आधुनिक सभ्यता का प्रतिनिधि महाकाव्य है- नामवार सिंह

11. कामायनी आधुनिक हिन्दी साहित्य का सर्वोत्तम महाकाव्य है- हरदेव बाहरी

12.कामायनी मधुरस से सिक्त महाकाव्य है-  रामरतन भटनाकर

13. कामायनी विराट सांमजस्य की सनातन गाथा है -विशवंभर मानव

14.कामायनी का कवि दूसरी श्रेणी का कवि है -हजारी प्रसाद द्विवेदी

15. कामायनी वर्तमान हिन्दी कविता में दुर्लब कृति है- हजारी प्रसाद द्विवेदी

16. कामायनी में प्रसाद ने मानवता का रागात्मक इतिहास प्रस्तुत किया है जिस प्रकार निराला ने तुलसीदास के मानस विकास का बड़ा दिव्य और विशाल रंगीन चित्र खिंचा है-रामचन्द्र शुक्ल
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17. कामायनी छायावाद का उपनिषद है- शांति प्रिय द्विवेदी

18.कामायनी को कंपोजिशन की संज्ञा देने वाले-रामस्वरूप चतुर्वेदी

19.मुक्तिबोध का कामायनी संबंधि अध्ययन फूहड़ मारक्स वाद का नमूना है-बच्चन सिंह

20.कामायी जीबन की पूनर्रचना है -मुक्तिबोध

21.कामायनी मनोविज्ञान की ट्रीटाइज है -नगेन्द्र

22.कामायनी आधुनिक समीक्षक और रचनाकार दोनों के लिए परीक्षा स्थल है -रामस्वरूप चतुर्वेदी

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Comments

  1. बहुत अच्छा साधुवाद आभार

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  2. कोटि- कोटि आभार बंधु सराहनीय कार्य महादेव कृपा करें

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