👉शास्त्रीय आलोचना पद्धति के प्रवर्तक:-
महावीर प्रसाद द्विवेदी,
रामचन्द्र शुक्ल,
मिश्रबन्धु।
👉अकेडमिक या अध्यापकीय आलोचना पद्धति के प्रवर्तक:-
श्यामसुन्दर दास
👉शोधपरक समीक्षा का श्री गणेश हुआ-
नागरी प्रचारिणी पत्रिका से
👉शोध परक समीक्षा पद्धति का विकास करने वाले:-
बाबूश्यामसुन्दर दास
👉व्यावहारिक आलोचना पद्धति के जनक -बालकृष्ण भट्ट
👉कथा समीक्षा के क्षेत्र में प्रथम आलोचक-
नामवार सिंह
👉व्याख्यात्मक आलोचना का सू्त्रपात करने वाले -रामचन्द्र शुक्ल
👉व्याख्यात्मक आलोचना को आदर्श रुप प्रदान करने वाले-हजारी प्रसाद द्विवेदी
👉प्रभावात्मक आलोचना के सूत्रपात करता-पद्म सिंह शर्मा
👉मनोवैज्ञानिक आलोचना के क्षेत्र में सर्वाधिक समर्थक आलोचक-इलाचन्द्र जोशी
👉चिन्तन प्रधान आलोचना पद्धति के प्रवर्तक-रामचन्द्र शुक्ल
👉नोट :-
प्रभावात्मक आलोचना का सूत्रपाद पद्म सिंह शर्मा ने बिहारी सतसई की आलोचना से किया है।
जायसी,सूर,तुलसी की आलोचना से व्याख्यात्मक आलोचना का सूत्रपात हुआ।
तुलनात्मक आलोचना का सूत्रपात पदम सिंह शर्मा ने बिहारी और फारसी के कवि सादी की तुलना की है।
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