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भक्ति काल के प्रमुख सम्प्रदायों के कवि ट्रिक के साथ

निम्बार्क सम्प्रदाय के प्रवर्तक - निम्बार्काचार्य
निम्बार्क का अर्थ - नीम पर सूर्य के दर्शन करवाने वाला ।
 निम्बार्क का मूल नाम - नियमानन्द
       जन्म काल - 1250ई.
 निम्बार्क सम्प्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी सलेमाबाद राजस्थान में है ।
निम्बार्क की श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र का अवतार माना जाता है ।
 विष्णु के स्थान पर श्री कृष्ण को सगुण भक्ति में प्रतिष्ठित करने वाले निम्बार्क जी हैं।
निम्बार्क सम्प्रदाय के प्रमुख कवि ट्रिक :-
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"निम्बार्क के श्री भट्ट हरि परशुराम के पास गए "
श्री भट्ट :-
जन्म - ध्रुवटीला मथुरा (1530)
गुरु का नाम - केशव काश्मीरी
ग्रन्थ- युगल शतक , आदिवाणी
 इन्हें हित सखी का अवतार माना जाता है ।
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 हरि व्यास देव :-
गुरु का नाम - श्री भट्ट
ग्रन्थ - महावाणी
परशुराम देव :-
इनके गुरु - हरि व्यास देव
ग्रन्थ - परशुराम सागर (राजस्थानी प्रधान सधुकड़ी भाषा में)
 निम्बार्क सम्प्रदाय की गद्दी सलेमाबाद में स्थापित करने वाले परशुराम देव ही माने जाते हैं
हरिदासी या सखी सम्प्रदाय :-
       प्रवर्तक - स्वामी हरिदास
      हरिदास के शिष्य -तानसेन
      ग्रन्थ - सिद्धान्त के पद ,केलिमाल
स्वामी हरिदास जी महान संगीतज्ञ थे।
सखी सम्प्रदाय के प्रमुख कवि ट्रिक :-
"हरिदास के बिठल बिहार नगर के सरस कवि हैं।
हरिदास --हरिदासी सम्प्रदाय
बिठल--- बिठल विपुल
बिहार --- बिहारिन दास
नगर ---नागरी दास
सरस---- सरस दास
 बिठल विपुल को नाभादास ने 'रससागर 'कहा था ।
 बिहारिन दास की वाणी ग्रन्थ के रचनाकार - बिहारिन दास जी हैं।
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चैतन्य या गौड़ीय सम्प्रदाय
संस्थापक - चैतन्य महाप्रभु
जन्म- नवद्वीप ,बंगाल (1486ई0)
बचपन का नाम- निमाई ,विशबंर ,गौर ,गौरांग
गुरू - केशव भारती
केशव भारती ने ही इंहें चैतन्य नाम दिया था ।
 गौड़ीय सम्प्रदाय के अन्य कवि :-
   रामराय
   भगवत मुदित
   सुरदास मनमोहन
   माधवदास माधुरी
   चन्द्र गोपाल
    गदाधर भट्ट
    भगवान दास
ट्रिक:-
        चैतन्य राम भावत सरदास भी माधव चन्द्र की तरह गदा लिये हुए भगवानदास के समान लग रहें हैं।
राधा बल्लभ सम्प्रदाय :-
     संस्थापक - स्वामी हित हरिवंश
 स्वामी हित हरिवंश को श्री कृष्ण की वंशी का अवतार माना जाता है।
 हित चौरासी और स्फूट वाणी इनके प्रमुख ग्रन्थ हैं।
राधा बल्लभ सम्प्रदाय के अन्य प्रमुख कावि :-
दामोदर दास
हरिराम व्यास
चतुर्भुज दास
ध्रुवदास
नेहनागरी दास
ट्रिक:-
         " हरिवंश जी हरि दामोदर चतुर्भुज ने ध्रुवदास का नेह प्राप्त किया ।
              
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